आज के इस अंक में हम आपको सम्पूर्ण श्री सत्यनारायण व्रत कथा पूजन विधि बताएंगे।
पूजन विधी
सर्वप्रथम पूर्वाभिमुख होकर बैठ जाए एवं निम्नलिखित मंत्र से आचमन करे
ॐ माधवाय नमः
ॐ केशवाय नमः
ॐ गोविन्दाय नमः
ॐ ऋषिकेशाय नमः इस मंत्र का उच्चारण करते हुए अपने हाथों को धो ले।
इसके बाद सम्पूर्ण पूजन सामग्री आदि को निम्न मंत्र से जल छिड़कते हुए पवित्र करे
ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्ववस्थां गतोऽपिवा।
यः स्मेरत् पुण्डरीकाक्षं स वाहभ्यन्तरः शुचि।।
इसके बाद स्वस्तीवाचन मंत्र मांगलिक श्लोक का पाठ करे,
इसके बाद संकल्प करे।
ऊँ विष्णुर्विष्णुर्विष्णु अद्य ब्रम्हाणोऽहि द्वितीयपराधै श्री श्वेतवाराहकल्पै वैवस्वतमन्यन्तरेऽष्टाविंशतितमे
कलियुगे कलिप्रथमचरणे जम्वूद्वीपेभरतखण्डे भारतवर्षे
..स्थाने ....नामसंवत्सरे ...ऋतौ....मासे
....पक्षे..तिथौ....दिने...काले...गौत्रः...
श्री सत्यनारायणस्य पूजन कथा श्रृवणाख्य कर्म करिष्ये।
इसके बाद गणेश अंबिका नवग्रह पूजन करें। फिर भगवान शलिग्राम का पूजन करें।
सर्व प्रथम हाथ में अक्षत पुष्प लेकर भगवान श्री सत्यनारायण का इस मंत्र को बोलते हुए ध्यान करें
नमोऽस्त्वनन्ताय सहस्त्रमूर्तये सहस्त्रपाटाक्षिशिरोरूवाहवे
सहस्त्रनाम्ने पुरुषाय शाश्वते
सहस्त्रकोटी युगघारिणे नमः।
श्री सत्यनारायणाय नमः ध्यानार्थे पुष्पाणि समर्पयामि। (भगवान के सामने पुष्प छोड़ दें)
इसके बाद हाथ में पुष्प आदि लेकर भगवान श्री सत्यनारायण का आवाहन करें
आगच्छभगवन देव स्थानेचात्र स्थिरो भव।
यावत पूजां करिष्यामि तावत् त्वं संनिधौ भव।।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
आवाहनार्थे पुष्पों समर्पयामि।
(आवाहन के लिए पुष्प चढ़ाएं)
इसके बाद भगवान श्री सत्यनारायण को पुष्पों का आसन दें।
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः।
आसनार्थे पुष्पाणि समर्पयामि (आसन के लिए पुष्प समर्पित करें)
फिर भगवान के पैरों को जल से धोए
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः।
पादयो: पाधं समर्पयामि।
इसके बाद फिर भगवान के ऊपर जल छिड़के, भगवान को अर्घ्य दें।
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः।
हस्तयोअघ्र्य समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को आचमन के लिए जल चढाएं।
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः।
आचमनीयं एवं समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को शुद्ध जल से स्नान कराएं।
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः।
स्न्नानीय जलं समर्पयामि।
भगवान को दूध से स्नान कराएं
श्री सत्यनारायणाय नमः।
पय: स्नान समर्पयामि। इसके बाद भगवान को शुद्ध जल से स्नान कराएं।
इसके बाद भगवान को दही से स्नान कराएं।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
दधिस्नानं समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को शुद्ध जल से स्नान कराएं।
इसके बाद भगवान को घी से स्नान कराएं।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
घृतस्न्नानं समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को शुद्ध जल से स्नान कराएं।
इसके बाद भगवान को शहद से स्नान कराएं।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
मधुस्न्नानं समर्पयामि।
के बाद भगवान को शुद्ध जल से स्नान
कराएं।
उसके बाद भगवान को शक्कर से स्नान कराएं।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
शर्करास्न्नानं समर्पयामि।
भगवान को पुनः शुद्ध जल से स्नान कराएं।
इसके बाद भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
पंचामृतस्न्नानं समर्पयामि।
इसके बाद पुनः भगवान को शुद्ध जल से स्नान कराएं।
इसके बाद भगवान को गंधोदक से स्नान कराएं।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
गन्धोदकस्न्नानं समर्पयामि।
इसके बाद पुनः भगवान को शुद्ध जल से स्नान कराएं।
इसके बाद भगवान को वस्त्र चढ़ाएं।
और एक आचमनी जल चढाएं।
ओम श्री सत्यनारायणाय नमः।
वस्त्रंसमर्पयामि।
आचमनीयं जलं समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को उप वस्त्र चढ़ाएं।
और एक आचमनी जल चढाएं।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
उपवस्त्रं समर्पयामि।
आचमनीयं जलं समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को यज्ञोपवीत चढ़ाएं।
इसके बाद एक आचमनी जल चढ़ाएं।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
यज्ञोपवीतं समर्पयामि।
आचमनीयं जलं समर्पयामि।
भगवान को चंदन लगाएं।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
चंदनम समर्पयामि।
चंदन लगाने के बाद भगवान को स्वेत तिल अर्पित करें।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
श्वेततिलान समर्पयामि।
फिर भगवान को पुष्प या पुष्प माला अर्पित करें।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
पुष्पम पुष्पमाला च समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को तुलसीदल अर्पित करें
श्री सत्यनारायणाय नमः।
तुलसीदलं तुलसीमञ्जरी च समर्पयामि।
के बाद भगवान को हरी दुव चढ़ाएं
श्री सत्यनारायणाय नमः।
दुर्वाकुरान समर्पयामि।
उसके बाद भगवान को आभूषण समर्पित करें।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
अलड्करणार्थे आभूषणानि समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को इत्र अर्पित करें।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
सुगन्धिततैलादिद्रव्यं समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को धूप अर्पित करें।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
धूपमाघ़ापयामि।
के बाद भगवान को दीप दिखाएं
श्री सत्यनारायणाय नमः।
दीपं दर्शयामि।
द्वीप दिखाने के बाद अपने हाथों को धो लें।
इसके बाद भगवान को तुलसीदल डालकर भोग लगाएं। और एक आचमनी जल छोड़ें।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
नैवेधं निवेदयामि।
आचमनीयं जलं समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को पांच वार जल छोड़ें।ॐ प्रणाय स्वाह:
ॐ अपानाय स्वाहा:
ॐ व्यानाय ंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंस्वाहा:
ॐ उदानाय स्वाहा:
ॐ समानाय स्वाहा:
इसके बाद भगवान से प्रार्थना करें।
त्वदीयं वस्तु गोविन्दतुभ्यमेवसमर्पये।
गृहाण सुमुखोभूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।
इसके बाद भगवान को ऋतुफल समर्पित करें और एक आचमनी जल छोड़ें।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
अखण्डऋतुफलं समर्पयामि।
फलान्ते आचमनीयं जलं समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को ताम्बूल (पान लौंग इलायची) आदि अर्पित करें।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
एलालवंगपूगीफलयुतं ताम्वूलं समर्पयामि।
इसके बाद भगवान को द्रव्य दक्षिणा अर्पित करें।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
द्रव्यदक्षिणां समर्पयामि।
इसके बाद श्री सत्यनारायण से प्रार्थना करें कि हे प्रभु हमने यथाशक्ति आपका पूजन किया है इसे स्वीकार करें एवं हमारे पूजन में अगर कोई त्रुटि हो तो उसे क्षमा करें।
सशड्खचक्रं सकिरीटकुण्डलं
सपीतवस्त्रं सरसीरुहेक्षणम्।
सहारवक्ष: स्थलकौस्तुभश्रियं
नमामि विष्णु विरसा चतुर्भुजम्।।
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्यनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकांतं कमलनयनं योगिभिध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।
श्री सत्यनारायणाय नमः।
प्रार्थना समर्पयामि।
इसके बाद श्री सत्यनारायण व्रत कथा पुस्तक का पूजन कर कथा श्रवण करें कथा के बाद हवन पुष्पांजलि क्षमा प्रार्थना करें इसके बाद प्रसाद वितरण करें।