शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

मांगलिक श्लोक(ManglikShlok)

साथियों प्रत्येक शुभ पूजन में स्वस्तिवाचन औऱ मांगलिक श्लोक का अत्यधिक महत्व
होता है इन दोनों के बिना कोई भी शुभ पूजन पूर्ण नही माना जाता इसलिए प्रत्येक शुभ पूजन में स्वस्तिवाचन मंत्र के उपरांत मांगलिक श्लोक बोले जाते हैं, आज हम आपको मांगलिक श्लोक का पाठ लेकर आए हैं,
             ।। मांगलिक श्लोक।।
सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्वोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः।।१।।
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचद्रो गजाननः।
द्वादशैतानि नामांनि यः पठेच्छृणुयादपि।।२।।
विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते।।३।।
शुक्लाम्बरधरं देवं शशिवर्णं चतुभुर्जम्।
प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशानवतये।।४।।
अभिप्सितार्थ सिद्धार्थ पूजितो यः सुरासुरैः।
सर्वविघ्नहरस्तस्मै गणाधिपतये नमः।।५।।
सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वथिसाधिके।
शरण्ये त्रयंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।६।।
सर्वदा सर्वकार्येषु नास्ति तेषां मङ्गलं।
येषां हिर्दयस्थो भगवान मङ्गलायतनो हरि।।७।।
तदेव लग्नं सुदिनं तदेव ताराबलं चन्द्रबलं तदेव।
विद्याबलं देवबलं तदेव लक्ष्मीपति तेऽड्घ्रियुगं स्मरामि।।८।।
लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः।
येषांमिन्दीवरश्यामो ह्रदयस्थो जनार्दनः।।९।।
यत्र योगेश्वर कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः।
तत्र श्री विजयो भूतिध्रुवा नीतिर्मतिर्मम।।१०।।
सर्वेष्वारम्भ कार्येषु त्रयस्त्रिभुवेन्श्वराः।
देवा दिशन्तु नः सिद्धिं ब्रम्हेशान जनार्दनः।।११।।
विश्वेशं माधवं ढुण्डिं दण्डपाणिं च भैरवम्।
वन्दे काशी गुहां गङ्गा भवानी मणिकर्णिकाम्।।१२।।
श्रीमन्महागणाधिपतये नमः। लक्ष्मीनारायणाभ्यां नमः।
उमामहेश्वराभ्यां नमः।
वाणीहिरण्यगर्भाभ्यां नमः।
शचीपुरन्दराभ्यां नमः।
मातृपितृचरणकमलेभ्यो नमः।
इष्टदेवताभ्यो नमः।
कुलदेवताभ्यो नमः।
ग्रामदेवताभ्यो नमः।
वास्तुदेवताभ्यो नमः।
स्थानदेवताभ्यो नमः।
सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमः।
सर्वेभ्यो ब्राह्मणेभ्यो नमः।
ॐ सिद्धिवुद्धिसहिताय श्रीमन्महागणाधिपतये नमः।

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