हमारा प्रयास हैं कि भारतीय धर्म संस्कृति को अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाया जाए। इसी तारतम्य में यह हमारी छोटी सी कोशिश है। प्रस्तुत ब्लॉग में चालीसा, व्रत, एवं आरतियां विभिन्न, हिन्दू ग्रन्थों, पोथी,पुराणों से ब्लॉगर ने अपने परिश्रम से एकत्रित किये हैं यह ब्लॉगर की स्वंय की कृति नही है, अतः इसमें कोई त्रुटि हो तो हम क्षमा प्रार्थी है औऱ उसमे सुधार के लिए आपके सुझाव का स्वागत करते हैं।
बुधवार, 23 जून 2021
रामायण पढने का आसन तरीका
दोस्तो इस पोस्ट के माध्यम से आज हम आपको रामायण पढ़ने का आसन तरीका बतायेगे रामायण में मूलतः सोरठा, श्लोक,चौपाई, और दोहा होते हैं जिन्हें हम बड़ी ही सुंदरता से गाकर पढ सकते हैं, जो श्रोता तथा वक्ता दोनों के मन को आनंदित करेगा, सबसे पहले सोरठा कैसे पड़ते हैं ये जानते हैं- जेहि सुमिरत सिद्ध होय गण नायक करिवर बदन। यह एक सोरठा है अब इसे हम अपने आसन तरीके से ऐसे पढेंगे- जेहि सुमिरत सिद्ध होय सियारामा गण नायक करिवर बदन रामा, इसके बाद चौपाई के बारे में जानते हैं- मंगल भवन अमंगलहारी, द्रवहु सो दसरथ अजर बिहारी। छंद को पढ़ना सबसे ज्यादा कठिन होता है परंतु इस प्रकार पढ़ने से आपको कोई कठिनाई नही होगी, जैसे- भय प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौसिल्या हितकारी, या श्री रामचन्द्र, कृपाल भजमन, हरण भव भय हारणम, नव कंज लोचन, कंज मुख कर, कंज पद कन्जारुणम। आशा है आपको हमारी यह पोस्ट पसन्द आएगी और आप भी आसानी से श्री रामायण जी का अध्ययन आसानी से कर पाएंगे। दोस्तो श्लोक संस्कृत में ही होते हैं और हम सभी को थोड़ी बहुत तो संस्कृत तो आती ही है।
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जो सुमिरत सिद्ध होय गण नायक करिवर बदन। करहुँ अनुग्रह सोई बुद्धि राशि शुभ गुण सदन।। < span> मूक होई वाचाल पंगु चढ़ाई गिरिवर गहन। जा...
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जय जय राजा राम की,जय लक्ष्मण बलवान। जय कपीस सुग्रीव की, जय अंगद हनुमान।। जय जय कागभुशुण्डि की, जय गिरि उमा महेश। जय ऋषि भारद्वाज की,जय तुलसी...
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