बुधवार, 7 अप्रैल 2021

कर्म का फल निश्चित है

मध्यप्रदेश के एक गाँव मे एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ रहता था। परिवार में दो बेटे दो बेटियां और पति पत्नी रहते थे। 20 एकड़ जमीन पर किसानी करके वह अपना परिवार चलता था। मुख्य सड़क पर उसका एक प्लाट था। और एक मकान था। इसके पास एक बंदूक भी थी। परिवार हँसी खुशी से रहता था। पर उस व्यक्ति में एक बुराई थी वह निरीह प्राणियों को मारकर रोज आपने घर उनका मास पका कर खाता था। उसके कंधे पर बंदूक हमेशा टगी रहती। धीरे धीरे बच्चे बड़े हो गए बड़े बेटे और बेटी की शादी हो गयी। पर पिता की बंदूक कंधे से नही उतरी वह निरन्त शिकार करता रहा। बड़ा बेटा पास ही के एक गाँव मे एक बड़े किसान के यहाँ ट्रेक्टर चलने का काम करने लगा। अभी चार दिन ही बीते थे काम करते हुए की एक दिन ट्रेक्टर पलट गया और उसकी मृत्यु हो गयी। अभी उसकी शादी को एक वर्ष भी नही हुआ था। दुर्घटना बीमा के पैसे लेकर पिता ने छोटे बेटे के साथ बड़ी बहू की शादी कर दी। छोटा बेटा गाँव का नामी चोर शराबी बन गया। एक दिन अपने पिता से गाड़ी दिलाने की जिद करने लगा पिता के लाख मना करने पर भी वह जिद पर अड़ा रहा। औऱ एक दिन अपनी बहिन की गाड़ी उठा लाया बहिन को पैसों की जरूरत थी तो वह बोला आप गाड़ी मुजे दे दो में पिता जी से पैसे दिलवा दूँगा। बहिन ने ये सोच कर गाड़ी दे दी कि अगर पैसे नही दिए तो पिता जी से बात करके गाड़ी किसी और को बेच देगे। छोटा बेटा गाड़ी लेकर घर आ गया एक दिन सुबह सुबह गाड़ी लेकर घर से निकला ही था कि थोड़ी दूर जाकर गाड़ी एक टेंकर से इतनी जोर से टकराई की उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गयी। टेंकर पकड़ा गया। फिर से दुर्घटना बीमा के पैसे के पैसे मिल गए। अभी इस हादसे को कुछ ही समय बीता था कि एक दिन पिता गायो को लेकर पानी पिलाने जा रहा था अचानक गाय ने दौड़ लगाई पिता भी उसके पीछे पीछे भागा तभी सामने से एक कार आ रही थी वह बायीं तरफ से दाई तरफ भागा और जाकर कार की बायीं तरफ ऐसा टकराया की उसके दोनों हाथ के पंजे सीधे के सीधे रह गए कुछ अंदरूनी चोटे भी आई। कार पकड़ी गई कार के मालिक ने एक वर्ष तक इलाज करवाया लेकिन उसकी जान नही बची। फिर से दुर्घटना बीमा के पैसे मिले। अब परिवार में सास बहू और छोटे बेटे की एक लड़की और एक लड़का रह गए। एक दिन सास अपने बीमार नाती को लेकर शहर के अस्पताल से लौट रही थी कि रास्ते मे जीप पलट गई और दोनों की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी। चुकी सवारी ढोने वाली गाड़ी थी तो फिर दोनों की मृत्यु के बाद बहु को फिर दुर्घटना बीमा मिला। अब परिवार में सिर्फ बहु और बेटी शेष रह गए। बाकी पूरा परिवार उजड़ गया।
परिवार में सभी मासाहारी थे। 




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