अर्थात- वचन के कारण ही महाराज दशरथ की मृत्यू हुई, वचन के कारण ही प्रभू श्रीराम को वन जाना पड़ा, वचन के कारण ही राजा हरिश्चन्द्र को दुख झेलने पडे।अतः हमे हर परिस्थित में अपने वचन की रक्षा करनी चाहिए।
हमारा प्रयास हैं कि भारतीय धर्म संस्कृति को अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाया जाए। इसी तारतम्य में यह हमारी छोटी सी कोशिश है। प्रस्तुत ब्लॉग में चालीसा, व्रत, एवं आरतियां विभिन्न, हिन्दू ग्रन्थों, पोथी,पुराणों से ब्लॉगर ने अपने परिश्रम से एकत्रित किये हैं यह ब्लॉगर की स्वंय की कृति नही है, अतः इसमें कोई त्रुटि हो तो हम क्षमा प्रार्थी है औऱ उसमे सुधार के लिए आपके सुझाव का स्वागत करते हैं।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
विश्व मैं सर्वाधिक बड़ा, छोटा, लंबा एवं ऊंचा
सबसे बड़ा स्टेडियम - मोटेरा स्टेडियम (नरेंद्र मोदी स्टेडियम अहमदाबाद 2021), सबसे ऊंची मीनार- कुतुब मीनार- दिल्ली, सबसे बड़ी दीवार- चीन की ...
-
जो सुमिरत सिद्ध होय गण नायक करिवर बदन। करहुँ अनुग्रह सोई बुद्धि राशि शुभ गुण सदन।। < span> मूक होई वाचाल पंगु चढ़ाई गिरिवर गहन। जा...
-
जय जय राजा राम की,जय लक्ष्मण बलवान। जय कपीस सुग्रीव की, जय अंगद हनुमान।। जय जय कागभुशुण्डि की, जय गिरि उमा महेश। जय ऋषि भारद्वाज की,जय तुलसी...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें