सोमवार, 15 मार्च 2021

श्री रामायण जी की आरती ( shri ramayan ji ki aarti)

आरती श्री रामायण जी की ।
कीरति कलित ललित सिया पी की।।
गावत ब्रम्हादिक मुनि नारद।
बालमीक बिज्ञान बिसारद।।
सुक सनकादि सेष अरु सारद।
बरनि पवनसुत कीरति निकी।।
गावत बेद पुरान अष्टदस।
छओ सास्त्र सब ग्रथन को रस।।
मुनि जन धन संतन को सरबस।
सार अंस संमत सबही की।।
गावत संतत शम्भू भवानी।
अरु घटसंभव मुनि बिग्यानी।।
व्यास आदि कबिबर्ज बखानी।
कागभुशुण्डि गरुण के ही की।।
कलिमल हरनि बिषय रस फीकी।
सुभग सिंगार मुक्ति जुवती की।।
दलन रोग भव मूरी अमी की।
तात मात सब विधि तुलसी की।।

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